–@ यही फर्क है @–778
बसता है जो गाँव देहात में
वो माता पिता के नाम से
हर जगह जाना जाता है !!
जो रहते हैं शहर टाउन में
वो माँ बाप से नही , मकान
के नाम से जाना जाता है !!
संयुक्त परिवार का हुआ
आज विध्वन्स चारो ओर
हो गए एक घर के टुकडे
नहीं पता लगती है
कब हो गयी भोर
अपनी मर्जी से चलते हैं
शहर में रहने वाले लोग !!
हारी बिमारी में साथ मिलता था
,मिल बाँट के चलते थे परिवार
गए थे सकून को खोजने शहर
पर नही मिला सकून किसी ओर !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ