यही गणतंत्र है
यही गणतंत्र है .यही गणतंत्र है ।छोटे छोटे बच्चों को देखो आज।दर दर भटक रहे अपने तन के काज।। यही गणतंत्र है ।चापलूसों की ऐस है ।जिसकी लाठी उसकी भैस है।।यही मत्रं है ।य ही गणतंत्र है।लोकतंत्र की तीनो शक्ति।कर रही है भक्ति।।य ही गणतत्र है।काम समय से कोई न होता।कुर्सी पर बैठा करमचारी सोता।।आज नही कल आना ।