यहीं यमलोक दिखा दे….हास्य-कुण्डलिया
सोती पत्नी के निकट, बैठी नागिन झूम.
बोला पति डस ले वहीं, मत क़दमों को चूम.
मत क़दमों को चूम, विष भरे दांत चुभा दे,
बहुत कर चुकी तंग, यहीं यमलोक दिखा दे.
बस कर नामाकूल, ठहर, मैं तुझको धोती.
कर लूं जहर रिचार्ज, अभी गुरुवाइन सोती..
–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’