“यहाँ चंद लोगों के लिए लिख रहा हूँ मैं ll
“यहाँ चंद लोगों के लिए लिख रहा हूँ मैं ll
अक्लमंद लोगों के लिए लिख रहा हूँ मैं ll
झूठ की भीड़-भाड़ से बहुत दूर,
कमरे में बंद लोगों के लिए लिख रहा हूँ मैं ll
अजनबी, मगर बेहद प्रिय हैं आप सभी,
मनपसंद लोगों के लिए लिख रहा हूँ मैं ll
रोज एकदम समय पर मुझे पढने आ जाते हैं,
समय के पाबंद लोगों के लिए लिख रहा हूँ मैं ll
सतत सच की निगरानी में लगे रहने वाले,
चाक-चौबंद लोगों के लिए लिख रहा हूँ मैं ll”