यहाँ कुशलता रेंगती, वहाँ बताएँ मित्र (कुंडलिया)
यहाँ कुशलता रेंगती, वहाँ बताएँ मित्र (कुंडलिया)
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यहाँ कुशलता रेंगती , वहाँ बताएँ मित्र
बूढ़ों – बच्चों के सहित ,घर का खींचें चित्र
घर का खींचें चित्र, बुरी आई बीमारी
दो साँसों की चाह, वेंटिलेटर पर भारी
कहते रवि कविराय ,शांत यदि दिन है ढलता
रोए अगर न भोर , समझिए यहाँ कुशलता
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451