यशोधरा के प्रश्न
यशोधरा के नयनों को, क्या गौतम पढ़ पायेगें।
अश्रु पूरित व्यथा- कथा को,मौन कभी गढ़ पायेगें।
गौतम भामिनि होकर तुमने ,क्या पाया पति को खोकर।
हुये तथागत वो गौतम से,तुमने क्यों पायी ठोकर।
जनमों के इस बंधन को,अपमानित कर तोड़ दिया।
माँ की ममता ठुकरा कर,राहुल को क्यों छोड़ दिया।
हठयोगी बनकर स्वामी, योग कभी पढ़ पायेगें
अश्रुपूरित व्यथा -कथा को, मौन कभी गढ़ पायेगें।
क्षुधा समर्पित तन में इस ,योग तभी जग पायेगा।
ये तन अप्पो -दीपो भव , ज्ञान- योग जब पायेगा
अपना कर भोग खीर का, आत्म- ज्ञान जब पाया है।
क्यों जग को झुठला करके,जग को अब अपनाया है।
क्या जग को ठुकरा करके , गौतम अब बढ़ पायेगें।
अश्रुपूरित व्यथा- कथा को,मौन कभी गढ़ पायेगें।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम