यम के द्वार की कुछ झलकियां
हास्य एवं श्रृंगार रस की कविताएं
यम के द्वार की कुछ झलकियां
एक समय की बात है।
तीन औरतों का देहांत हो जाता है।
यम के दूत उन्हें पृथ्वी से ले जाकर यमराज के दरबार में प्रस्तुत करते हैं
यमराज जी बोले चित्रगुप्त इनके पापों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाए
तीन औरतों में एक थी, बुड्ढी एक थी ,अधेकड एक थी जवान सर्वप्रथम बूढ़ी औरत से पूछा हे बुढ़िया तूने अब तक अपने जीवन में क्या किया है
प्रभु मैंने अब तक अपने पति की सेवा की है।
यमराज जी बोले इसे सोने के कमरे में पहुंचा दिया जाए ,अधेकड से पूछा अभी तक तूने अपने जीवन में क्या किया बोली प्रभु मैंने अभी तक अपने अपाहिज पति की सेवा की है।
यमराज जी बोले इसे चांदी के कमरे में पहुंचा दिया जाए ,
अब आई जवान की बारी यमराज जी बोले हे सुंदरी अभी तक तूने अपने जीवन में क्या किया है ।
जवान यमराज की बाहों में बाहें डाल कर बोली डार्लिंग यमराज जी बोले इसे मेरे कमरे में पहुंचा दिया जाए,
फिर जो हुआ वह हमें भी पता नहीं है भैया
Aap ka Kaluram ahirwar अर्जन सिहँ
M. 8120650431