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16 Apr 2023 · 1 min read

यमराज की प्रसन्नता

हास्य
यमराज की प्रसन्नता
————————–
कल रात यमराज ने तिहाड़ जेल में
घुसने का विचार किया,
पर उनकी आशाओं पर कुठाराघात हो गया
सुरक्षा का मजबूत इंतजाम था,
लाख कोशिशें के बाद भी
घुसने का जुगाड़ न मिला,
आश्चर्यजनक ये यमराज को भी लगा।
यूपीकी जेल में सुरक्षा का इतना तगड़ा इंतजाम
पहले तो कभी देखा न था,
किसी तरह एक सिपाही पर दांव लगाया
सिपाही जी ने बाबा का डर दिखाया
दोनों हाथ खड़े कर दिए
चार पैसे पाने का लालच छोड़
उल्टे यमराज को ही धमका दिया,
निकल लो बच्चू, वरना पछताओगे
हमसे बचकर फिर जा भी नहीं पाओगे

अभी तो बस समझा रहा हूं, अच्छा है समझ जाओ
और चुपचाप वापस चले जाओ
वरना मिट्टी में मिल जाओगे, बहुत रगड़े जाओगे।
यमराज हैरान परेशान हो गया
यूपी में ऐसा कैसे और कब से हो गया
यह सोचते हुए चुपचाप मायूस होकर वापस हो गया,
पर अपनी दाल न गलने से झल्ला गया
खाली हाथ न जाने का मन ही मन निश्चय कर लिया।
भटकते भटकते हवा के तेज झोंके से झांसी पहुंच गया
फिर तो सब आसान हो गया
एक की जगह दो दो ताजा शिकार मिल गया।
यमराज प्रसन्नता से फूला नहीं समा रहा था
सिपाही को सही सलाह के लिए
मन ही मन धन्यवाद दे रहा था
बाबा के सिद्धांतों का गुणगान कर रहा था।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
© मौलिक स्वरचित

Language: Hindi
72 Views
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