Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2024 · 1 min read

यदि हमें शांति के पथ पर चलना है फिर हमें अस्तित्व से जुड़ना

यदि हमें शांति के पथ पर चलना है फिर हमें अस्तित्व से जुड़ना होगा, ये अस्तित्व ही आपको पूर्णता के तरफ़ ले जाने में मदद करेगा।
~ रविकेश झा

13 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जिस्म का खून करे जो उस को तो क़ातिल कहते है
जिस्म का खून करे जो उस को तो क़ातिल कहते है
shabina. Naaz
ज़िंदगी से गिला
ज़िंदगी से गिला
Dr fauzia Naseem shad
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
थकान...!!
थकान...!!
Ravi Betulwala
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
नूरफातिमा खातून नूरी
“दो बूँद बारिश की”
“दो बूँद बारिश की”
DrLakshman Jha Parimal
बारिश.........
बारिश.........
Harminder Kaur
संस्कृति संस्कार
संस्कृति संस्कार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
पंकज परिंदा
जय माता दी ।
जय माता दी ।
Anil Mishra Prahari
*क्या बात है आपकी मेरे दोस्तों*
*क्या बात है आपकी मेरे दोस्तों*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ਉਸਦੀ ਮਿਹਨਤ
ਉਸਦੀ ਮਿਹਨਤ
विनोद सिल्ला
दोहा पंचक. . . . चिट्ठी
दोहा पंचक. . . . चिट्ठी
sushil sarna
उफ ये खुदा ने क्या सूरत बनाई है
उफ ये खुदा ने क्या सूरत बनाई है
Shinde Poonam
जिंदगी में -
जिंदगी में -
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
होली है !!!
होली है !!!
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
तीन सौ वर्ष पुराना माई का थान और उसके सेवारत महामंत्री सुनील
तीन सौ वर्ष पुराना माई का थान और उसके सेवारत महामंत्री सुनील
Ravi Prakash
चल चित्र का संसार
चल चित्र का संसार
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
वैसे किसी भगवान का दिया हुआ सब कुछ है
वैसे किसी भगवान का दिया हुआ सब कुछ है
शेखर सिंह
चौपई /जयकारी छंद
चौपई /जयकारी छंद
Subhash Singhai
प्यासे को
प्यासे को
Santosh Shrivastava
स्मृति शेष अटल
स्मृति शेष अटल
कार्तिक नितिन शर्मा
अशेष संवेदना
अशेष संवेदना
Namita Gupta
आज जो तुम तन्हा हो,
आज जो तुम तन्हा हो,
ओसमणी साहू 'ओश'
कहां जाके लुकाबों
कहां जाके लुकाबों
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
हवस दिमाग से पैदा होती है और शरीर के रास्ते बाहर निकलती है द
हवस दिमाग से पैदा होती है और शरीर के रास्ते बाहर निकलती है द
Rj Anand Prajapati
पड़ोसी कह रहा था कि अगर उसका नाम
पड़ोसी कह रहा था कि अगर उसका नाम "मुथैया मुरलीधरन" होता, तो व
*प्रणय*
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
Lakhan Yadav
गर्मी बहुत सताये माँ
गर्मी बहुत सताये माँ
Rita Singh
Loading...