यदि यह मोह यामिनी बीते
यदि यह मोह- यामिनी बीते।
वस्तु नष्ट हो सम्पति छूटे
हृदय -अतिथि से नाता टूटे
सच हारे या जीतें झूंठे
नियति साथ दे अथवा रूठे
उर- आँगन के, सुरभि सुमन के
अथक लगन से अर्जित धन के
यौवन के अथवा जीवन के
खोने के भय से हिय रीते।।
यदि यह मोह यामिनी बीते।।
संजय नारायण