यक़ीनन मुझे मरके जन्नत मिलेगी
भले सारी दुनिया की दौलत मिलेगी
मगर क्या मुझे उससे राहत मिलेगी
इस ईमानदारी का ये फ़ायदा है
बिला फ़िक़्र सोने की रहमत मिलेगी
भला क्या ही ख़्वाहिश से वादे करूँ मैं
हर इक मोड़ पे इक ज़रूरत मिलेगी
मदद के लिए कोई आगे न बढ़ता
फ़क़त सबसे झूठी नसीहत मिलेगी
सज़ा मैंने दोज़ख़ की जीते-जी काटी
यक़ीनन मुझे मरके जन्नत मिलेगी
जॉनी अहमद ‘क़ैस’