उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
" आखिर कब तक ...आखिर कब तक मोदी जी "
*आधा नभ में चंद्रमा, कहता मॉं का प्यार (कुंडलिया)*
■ इनका इलाज ऊपर वाले के पास हो तो हो। नीचे तो है नहीं।।
सागर ने जब जब हैं हद तोड़ी,
दिलकश है मेरा भारत, गुलशन है मेरा भारत ,
कोई बात नहीं, कोई शिकवा नहीं
King of the 90s - Television
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
वीर दुर्गादास राठौड़
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"सफलता कुछ करने या कुछ पाने में नहीं बल्कि अपनी सम्भावनाओं क
वो आया इस तरह से मेरे हिज़ार में।
आज के समय में हर व्यक्ति अपनी पहचान के लिए संघर्षशील है।
वहम और अहम में रहना दोनो ही किसी व्यक्ति के लिए घातक होता है
आज का इंसान
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD