Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2023 · 3 min read

“म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के”

आमिर खान की एक फिल्म आई थी “दंगल” जिसका फेमस डायलॉग है ‘म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के” जिसे आजके सन्दर्भ में देखा जाए तो लड़कियां पूरी तरह से चरितार्थ कर रही है। अब लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है. चाहे वो शिक्षा, खेल, व्यापार, फिल्म या किसी अन्य क्षेत्र में हों। जिन्हें आगे बढ़ते देखना भी एक सभ्य समाज के लिए सुखद एहसास होना चाहिए। कभी वो दौर भी था जब लड़कियों को लड़कों के मुकाबले बहुत ही कमतर आंका जाता था। लेकिन ये भी सच है कि अब भी उस सामाजिक सोच में बदलाव की जरूरत है. क्योंकि एक दूसरे के मुकाबले कमतर आंकने की सोच अब भी पूरी तरह से ख़त्म भी नहीं हुए हैं। लेकिन जिस तेजी के साथ हर क्षेत्र में लड़कियां आगे बढ़ रही है.वो दिन भी दूर नहीं जब ये भेदकारी सोच पूरी तरह से समाज के अंदर से खत्म हो जाने वाले हैं।

बिहार में इंटर मीडिएट परीक्षा 2023 के परिणाम आ चुके हैं। जिनमें लड़कियों का शानदार व जानदार प्रदर्शन देखने को मिला है। साइंस,आर्ट्स और कॉमर्स तीनों संकायों में लड़कियां टॉपर बनी है। जिसमें साइंस संकाय से आयुषी नंदन, कला संकाय से महद्दिशा और कॉमर्स संकाय से सौम्या शर्मा ने टॉप की है। जिन्होंने इसके जरिए साफ संदेश दिया हमें कमतर ना आंका जाए। हमें जब भी मौके मिलेगा हम अपने आप को साबित करेंगे। लड़कियों ने किस तरह से बाजी मारी है आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि तीनों संकाय के 30 टॉपरों में 21 लड़कियां शामिल हैं। जिसमें सिर्फ 9 लड़के ही टॉपरों की इस सूची में जगह बना पाए हैं।

वही अगर इस इंटर मीडिएट परीक्षा परिणाम की खास बात देखें तो लड़कों के मुकाबले पासिंग पर्सेंटेज भी लड़कियों का ज्यादा रहा है। जो अब अपने घरों से निकलकर स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी की तरफ बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है। जिसका सुखद पहलू ये है कि लड़कियां ना सिर्फ़ घरों से बाहर कदम रख रही है बल्कि मौका मिलते ही अपने आपको सफ़लता के शिखर पर खुद को विराजमान भी कर रही है। ये सुखद इसलिए भी है आने वाले वक़्त में लड़के और लड़कियों के बीच असमानता के भाव जिनसे खत्म हो सकने वाला है। अब तो चर्चा इस पर शुरू हो गई है कि आखिर क्यों लड़कियों के मुकाबले लड़के पिछड़ रहे हैं? जिसपर पर बहस होना ही लड़कियों की सफलता की गाथा है।

बिहार जैसे राज्यों के लिए ऐसे परिणाम देखना और भी शानदार हैं. जहां कुछ सालों पहले लड़कियां शिक्षा के लिए घरों से बाहर भी नहीं आ पाती थी। जिसे घरों से स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक लाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना भी कि जानी चाहिए। जिनके द्वारा लिए गए सकारात्मक कदमों का ही ये परिणाम है. चाहे वो छात्रवृत्ति योजना, साईकिल योजना, इंटर मीडिएट, स्नातक उत्तीर्णता प्रोत्साहन राशि हो या स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड स्कीम हो। जिनके वज़ह से बिहार में ना सिर्फ़ साक्षरता का ग्राफ ऊपर की ओर जा रहा है. बल्कि तेजी के साथ लड़कियां लड़कों के मुकाबले परीक्षा में ज्यादा भागेदारी पेश कर रही है।

जिस तरह से लड़कियां घर से बाहर निकलकर मेहनत और मेधाशक्ति के बल पर हर क्षेत्र में प्रवीणता अर्जित कर रही है ये अपने आप में एक नया अध्याय है. जिसका स्वागत किया जाना चाहिए। क्योंकि ये वो आधी आबादी है जिससे समाज ने एक लंबे वक़्त तक अन्याय किया है। जिसे हमेशा लड़कों के मुकाबले कमतर आंका गया है। ये देखना और भी आनंददायी है कि लड़कियां अब लड़कों से कंधे से कंधे मिलाकर चल रही है. जो उस ओर भी इशारा करती है कि अगर उसे पहले से ऐसे मौके दिए जाते तो वो नित दिन नए – नए गाथा लिखते रहती। देर ही सही लेकिन सुखद है समाज धीरे – धीरे लड़के- लड़कियों में अन्तर करना छोड़ रही है. वो दिन भी दूर नहीं जब ये पूरी तरह से समाज के अंदर से ख़त्म हो जाने वाली है।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 566 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कांवड़िए
कांवड़िए
surenderpal vaidya
प्रेम के रंग कमाल
प्रेम के रंग कमाल
Mamta Singh Devaa
स्त्री यानी
स्त्री यानी
पूर्वार्थ
*राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)*
*राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
वह इंसान नहीं
वह इंसान नहीं
Anil chobisa
*बाल गीत (सपना)*
*बाल गीत (सपना)*
Rituraj shivem verma
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
Manisha Manjari
सच्चे लोग सागर से गहरे व शांत होते हैं!
सच्चे लोग सागर से गहरे व शांत होते हैं!
Ajit Kumar "Karn"
हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हम
हम
हिमांशु Kulshrestha
😊😊😊
😊😊😊
*प्रणय*
केशव
केशव
Shashi Mahajan
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
sushil sarna
समय अपवाद से नहीं ✨️ यथार्थ से चलता है
समय अपवाद से नहीं ✨️ यथार्थ से चलता है
©️ दामिनी नारायण सिंह
तर्कश से बिना तीर निकाले ही मार दूं
तर्कश से बिना तीर निकाले ही मार दूं
Manoj Mahato
मन के भाव
मन के भाव
Surya Barman
समन्वय
समन्वय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
4284.💐 *पूर्णिका* 💐
4284.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
पावस
पावस
लक्ष्मी सिंह
रिश्ते सालों साल चलते हैं जब तक
रिश्ते सालों साल चलते हैं जब तक
Sonam Puneet Dubey
हाय गरीबी जुल्म न कर
हाय गरीबी जुल्म न कर
कृष्णकांत गुर्जर
इक बार वही फिर बारिश हो
इक बार वही फिर बारिश हो
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
आदमी की संवेदना कहीं खो गई
आदमी की संवेदना कहीं खो गई
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
झील बनो
झील बनो
Dr. Kishan tandon kranti
खुद के होते हुए भी
खुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
श्री कृष्ण
श्री कृष्ण
Vandana Namdev
Game of the time
Game of the time
Mangilal 713
Loading...