Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2024 · 1 min read

मौसम

बहार का स्वागत
तो सब करते हैं
पतझड़ का स्वागत
कौन करेगा
सिवाय मेरे?
पतझड़ में तो
सेब के
ठूँठ वृक्षों पर
एक भी पत्ता नहीं रहता

पौष-माघ के
भयानक शीत में
ठिठुरता है पूरा वजूद
आँखों को
पीना पड़ता है
वो ढेर सारा ध्ुआँ
जो उगलती हैं
बदन को गर्माने वाली लकड़ियाँ
चारों तरफ़
रहता है गाँव में
पसरा हुआ सन्नाटा
चलती हैं बर्फ़ीली हवाएँ
फटते-सूखते हैं
शीत से होंठ

लेकिन मैं
स्वागत करती हूँ
इस बर्फ़ीले मौसम का
क्योंकि
खेतों में
अंकुराने लगते हैं
गेहूँ और जौ

आकाश से चुपचाप
बरसती है रुई के
फाहों जैसी
सफे़द बर्फ़
चमकने लगते हैं पर्वत शिखर
सेब के वृक्षों की
सूखी टहनियों पर
उतर आते हैं
लम्बी पूँछ वाले
प्रवासी पंछी नीलकण्ठ

बाग़ की मुंडेरों पर
महकने लगती है
गुच्छों में
पीली आँखों वाली नर्गिस
और मैं
स्वागत करती हूँ
पतझड़ का
हाथों में
थोड़ी सी बर्फ़ लिए
कहती हूँ
पहली बर्फ़ मुबारक़

113 Views

You may also like these posts

मुखौटे
मुखौटे
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
पुराना साल-नया वर्ष
पुराना साल-नया वर्ष
Arun Prasad
People often dwindle in a doubtful question,
People often dwindle in a doubtful question,
Chaahat
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-152से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-152से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
स्त्री हूं केवल सम्मान चाहिए
स्त्री हूं केवल सम्मान चाहिए
Sonam Puneet Dubey
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
4570.*पूर्णिका*
4570.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ ....लघु कथा
माँ ....लघु कथा
sushil sarna
*झूठा ही सही...*
*झूठा ही सही...*
नेताम आर सी
Falling Out Of Love
Falling Out Of Love
Vedha Singh
अगर एक बार तुम आ जाते
अगर एक बार तुम आ जाते
Ram Krishan Rastogi
तू  मेरी जान तू ही जिंदगी बन गई
तू मेरी जान तू ही जिंदगी बन गई
कृष्णकांत गुर्जर
17)”माँ”
17)”माँ”
Sapna Arora
होली गीत
होली गीत
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जिस भी समाज में भीष्म को निशस्त्र करने के लिए शकुनियों का प्
जिस भी समाज में भीष्म को निशस्त्र करने के लिए शकुनियों का प्
Sanjay ' शून्य'
ख़िलाफ़ खड़े सिर कुचल दिए, इसान थोड़ी है
ख़िलाफ़ खड़े सिर कुचल दिए, इसान थोड़ी है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
सुनो जीतू,
सुनो जीतू,
Jitendra kumar
■ आज का आखिरी शेर।
■ आज का आखिरी शेर।
*प्रणय*
इश्क तो बेकिमती और बेरोजगार रहेगा,इस दिल के बाजार में, यूं ह
इश्क तो बेकिमती और बेरोजगार रहेगा,इस दिल के बाजार में, यूं ह
पूर्वार्थ
सुर तेरा मेरा
सुर तेरा मेरा
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*बाल गीत (मेरा प्यारा मीत )*
*बाल गीत (मेरा प्यारा मीत )*
Rituraj shivem verma
है तो है
है तो है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
- सादगी तुम्हारी हमको भा गई -
- सादगी तुम्हारी हमको भा गई -
bharat gehlot
रूस्तम रूठे तो रूपमा, रूह रूठे तो कौन।
रूस्तम रूठे तो रूपमा, रूह रूठे तो कौन।
PK Pappu Patel
मेरे जीवन में गुरु का दर्जा ईश्वर के समान है। “गुरु बिन भव न
मेरे जीवन में गुरु का दर्जा ईश्वर के समान है। “गुरु बिन भव न
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत  माँगे ।
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत माँगे ।
Neelam Sharma
"जोखिम"
Dr. Kishan tandon kranti
*शाही शादी पर लगे, सोचो कैसे रोक (कुंडलिया)*
*शाही शादी पर लगे, सोचो कैसे रोक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कंचन प्यार
कंचन प्यार
Rambali Mishra
"निज भाषा का गौरव: हमारी मातृभाषा"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...