मौसम नहीं बदलते हैं मन बदलना पड़ता है
मौसम नहीं बदलते हैं
मन बदलना पड़ता है
रास्ते नहीं चलते कभी
हमें ही चलना पड़ता है
आसानी से यहां कुछ
हासिल नहीं होता है
अपने सपनों खातिर
हमें मचलना पड़ता है
रोशनी लाने खातिर ..
रातो से लड़ना पड़ता है
मुकाम पाने को कभी
पैदल चलना पड़ता है
वीर शिवा के वंशज है
हार कर क्यों बैठ जाएं
अगर कभी हार जाओ
फिर से लडना पड़ता है
अगर तुम चाहते हो
आसमानों में उड़ना
हालातों का पिंजरे को
तोड़ निकलना पड़ता है
भक्ति की परीक्षा हो तो
अग्नि में चलना पड़ता है
सोने सा आदर पाना है
अग्नि में जलना पड़ता है
✍कवि दीपक सरल