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16 Nov 2022 · 1 min read

मौसम तो बस बहाना हुआ है

ताल्लुक टूटा तो गिरे शाख से पत्ते
मौसम तो बस बहाना हुआ है।

रखा पांव जो सूखे पत्तों पे हमने
सरसराहट से मन दीवाना हुआ है।

इंतजार में ये सरसराहट बताये
जैसे कि तेरा आना हुआ है।

बेसाख्ता यादों ने हमें घेर बैठी
सूखे पत्तों का कब ठिकाना हुआ है।

अजब अहसास तारी हुआ दिल पे
जैसे दिल से किसी का जाना हुआ है।

सरसराहटों में सुगबुगाहट भी है
नगमा कोई जैसे पुराना हुआ है।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
437 Views
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