मौन मुझे स्वीकार नहीं है
यदि करना इनकार नहीं है,
क्यों करता इकरार नहीं है
चुप चुप रहना उसकी आदत,
मौन मुझे स्वीकार नहीं है
दिल से कभी न कह पायेगा,
करता मुझसे प्यार नहीं है
शूल नहीं है प्रेम अगर, तो,
फूलों का भी हार नहीं है
क्यों जलता है तन मन इतना,
प्रेम अगर अंगार नहीं है
प्रेम बयार बहेगी कैसे,
खुला ह्रदय का द्वार नहीं है.
दल बदलो मंजूर न होगा,
प्यार कोई सरकार नहीं है