मौत
तू मेरी रूह में समायी,
तू मेरे लिए थी आयी,
तू देखी थी जब
मुझे ऐसा लगा,
तुझे रब ने बनाया,
सिर्फ मेरे लिए,
तुझे पाके सनम,
मैने खुद को पाया,
तू बनी थी सनम,
धूप में मेरी छाया,
तेरे संग चला,
राह जन्नत बनी,
मेरे चाहत मे तू,
सनम राहत बनी,
मेरा लम्हा सजाया,
मुझे अपना बनाया,
हर दर्द की मेरे,
बन गयीं थी दवा,
इस कदर खो गया था,
मैं तुझमें सनम,
तू ही इबादत तू दुआ,
वक्त ऐसा भी आया,
तूने मुझे ठुकराया,
तू जो रूठी सनम,
मैं तो टूट गया,
तुझे खो के लगा,
हूँ अधूरा सनम,
अब रहूँ न रहूँ
सांस चले न चले,
जिस्म छुटे भले,
मौत आये मुझे,
तू जो नही
कुछ भी नही,
जिन्दा तब ही रहूं,
पा जाऊँ तुझे,
तुझे खो के सनम
कैसे जिन्दा रहूं,
मैं तो रब से मांगू
बस एक दुआ,
दे दे तुझको
या देदे मौत मुझे,