मौत भी मज़ेदार by Vinit Singh Shayar
वो जा चुके हैं दूर, आने का कोई आसार नहीं
ये क्या एकटक तु रास्ता निहारता है
ख़्वाहिश है मैय्यत पे आँखें उनकी भी भीग जाए
विनीत…… तू तो मौत भी मज़ेदार चाहता है
~विनीत सिंह
Vinit Singh Shayar
वो जा चुके हैं दूर, आने का कोई आसार नहीं
ये क्या एकटक तु रास्ता निहारता है
ख़्वाहिश है मैय्यत पे आँखें उनकी भी भीग जाए
विनीत…… तू तो मौत भी मज़ेदार चाहता है
~विनीत सिंह
Vinit Singh Shayar