— मौत बताती कहाँ है —
चली आती है चुपके से
बिना आहाट किये
खबर तक नही देती
यह मौत बताती कहाँ है !!
चाहे बैठे हो कहीं
या जा रहे हो कहीं
सो रहे हो या जाग रहे हो
यह मौत बताती कहाँ है !!
उठा ले जाती है झट से
किसी को समझाती कहाँ है
इस का कोई रीचार्ज नही होता
यह मौत बताती कहाँ है !!
बेशक कितने बाकी हो काम
इस को नही किसी से काम
इस ने तो करना बस अपना काम
यह मौत बताती कहाँ है !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ