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16 Jun 2021 · 1 min read

मौत की वादी में ज़िंदगी का ज़श्न

माटी का
पुतला है एक
तू कोई
देवता नहीं
जी सके तो
जी ले आज
कल का
कुछ पता नहीं…
अपनों से
खौफ और
बेगानों से
शर्म क्या
प्यार से जो
दूर करे
लानत है वो
धर्म क्या
होती है एक
भूल सबसे
यह तेरी
बस खता नहीं…
दुश्मनी क्या
की जाए
चार दिन के
मेहमान से
जिस्म मिले
जिस्म से
और जान मिले
जान से
तकाज़ा है
यह उम्र का
इसमें तो
कुछ बुरा नहीं…
दुनिया ही
यह फानी है
चाल वक़्त की
तूफ़ानी है
बालू पर
लिखी गई
मेरी-तेरी
कहानी है
मौत के
चंगूल से
अब तक कोई
बचा नहीं…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#CoronavirusOutbreak
#OshoVision

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 204 Views
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