मौत का सामान
यह बारिश की
बूंदों की बौछार नहीं
अंगारों में लिपटे
तीरों की बौछार है
यह जो मीठी बोली है
इसमें मिला है जहर
यह जो प्रेम का
इजहार है
यह स्वर्ग सा
दिखता एक नरक का
द्वार है
यह मेरे जीने की कोई मंजिल नहीं बल्कि
एक सोची समझी साजिश और
मेरी मौत का
सामान है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001