मौत का रंग लाल है,
मौत का रंग लाल है,
और लाल है रक्त भी,
जो दर्द में गाढ़ा हो चला है,
हृदय भी लाल जो अब धड़कता नहीं,
तुमने पुकारना जो बंद कर दिया है,
जिंदगी का रंग सफेद,
जिस रंग से मिले उसमे घुल जाए,
मौत से मिले तो गुलाबी जिजीविषा।
दुआओं का रंग हरा,
क्योंकि हरियाली बहुत कम है दुनिया मे,
और आँसुओं का कोई रंग ही नहीं,
ना ही कोई मोल है,
तुम्हारी मुस्कान जैसे चमकती सूरज की रश्मि,
और इश्क में डूबे लोग तो वैसे भी कलर ब्लाइंड होते है।