Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2024 · 1 min read

मौत का डर

जिंदगी एक पतंग की डोर है,
जो बिन पूछे चली जाती है।
तलवार की धार पर खड़े है लोग,
पता नही चलता कब कट जाती है।
एक पल की जिंदगी है तब भी,
गुमान क्यूं इतना दिखलाती है।
ना जीने का डर, होकर निडर,
जिंन्दगी ऐसी खेल खेल जाती है।
जिंदगी अनमोल है ऐसी ,
तब भी मौत गले लगा लेती है।

अनिल “आदर्श”

Language: Hindi
26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet kumar Shukla
लोग कहते हैं मैं कड़वी जबान रखता हूँ
लोग कहते हैं मैं कड़वी जबान रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
"उपबन्ध"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
सुहागन की अभिलाषा🙏
सुहागन की अभिलाषा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रेतीले तपते गर्म रास्ते
रेतीले तपते गर्म रास्ते
Atul "Krishn"
● रूम-पार्टनर
● रूम-पार्टनर
*प्रणय प्रभात*
जो चाहने वाले होते हैं ना
जो चाहने वाले होते हैं ना
पूर्वार्थ
मेरे अंतस में ......
मेरे अंतस में ......
sushil sarna
कृषक की उपज
कृषक की उपज
Praveen Sain
एक स्त्री चाहे वह किसी की सास हो सहेली हो जेठानी हो देवरानी
एक स्त्री चाहे वह किसी की सास हो सहेली हो जेठानी हो देवरानी
Pankaj Kushwaha
सदा सदाबहार हिंदी
सदा सदाबहार हिंदी
goutam shaw
3119.*पूर्णिका*
3119.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी में मस्त रहना होगा
जिंदगी में मस्त रहना होगा
Neeraj Agarwal
गर्मी ने दिल खोलकर,मचा रखा आतंक
गर्मी ने दिल खोलकर,मचा रखा आतंक
Dr Archana Gupta
ओ! महानगर
ओ! महानगर
Punam Pande
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Dr Parveen Thakur
माथे की बिंदिया
माथे की बिंदिया
Pankaj Bindas
To my dear Window!!
To my dear Window!!
Rachana
गुजार दिया जो वक्त
गुजार दिया जो वक्त
Sangeeta Beniwal
दोहावली ओम की
दोहावली ओम की
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Good things fall apart so that the best can come together.
Good things fall apart so that the best can come together.
Manisha Manjari
स्त्रियां पुरुषों से क्या चाहती हैं?
स्त्रियां पुरुषों से क्या चाहती हैं?
अभिषेक किसनराव रेठे
शेखर ✍️
शेखर ✍️
शेखर सिंह
एक बार नहीं, हर बार मैं
एक बार नहीं, हर बार मैं
gurudeenverma198
मन और मस्तिष्क
मन और मस्तिष्क
Dhriti Mishra
एक तुम्हारे होने से...!!
एक तुम्हारे होने से...!!
Kanchan Khanna
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
कवि दीपक बवेजा
ये दूरियां सिर्फ मैंने कहाँ बनायी थी //
ये दूरियां सिर्फ मैंने कहाँ बनायी थी //
गुप्तरत्न
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...