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26 Apr 2024 · 1 min read

मौज कर हर रोज कर

मौज कर हर रोज कर
******************

मौज कर हर रोज कर,
खुशियों की खोज कर।

साथ ले कर और का,
खुद की भी सोच कर।

मंजिलों की राह पर,
चलता रह तू दौड़ कर।

वक्त की रामज समझ,
ख्वाइशों को छोड़ कर।

मनसीरत मन डोलता,
बंदिशों को तोड़ कर।
******************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैंथल)

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