मौका है
बात चीत बंद है बीते दिनों से
चलो अब फिर बात करें मौका है
मिलना मिलाना भी बंद है तभी से
चलो मुलाकात करें मौका है
शरारतें जो करते थे कभी मिल कर
लगता है बीते जमाने की बात थी
एक अरसा हो गया कुछ ना करे हुए
आओ फिर शरारत करें मौका है
जिंदगी बीत रही छिपते छिपाते
लगता है कोई खता कर के बैठे हैं
वो भी आएं हैं छत पर मुद्दतों के बाद
आओ हम भी छत पर चलें मौका है
बिछड़ गए हैं जो संगी साथी हमारे
कोरोना जैसी महामारी की लहरों में
उनकी याद में चंद नग्में गुनगुना कर
सूखी आंखों को नम कर लें मौका है