मोहिनी
माया मादक मोहिनी,धरे रूप प्रभु छद्म।
छवि अनुपम अभिराम है,नयन खिले दो पद्म।।
नयन खिले दो पद्म,रत्न गुम्फित कच काला ।
मधुर चरण मंजीर, कंठ मुक्ता की माला।।
मद मादक सौन्दर्य,सृष्टि का सौरभ पाया।
लिए हस्त मधुपात्र,दैत्यों को भरमाया।।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली