” मोहमाया का जंजाल”
” मोहमाया का जंजाल”
आज हर इंसान भाग रहा है
धूप छावं को भी नहीं भांप रहा है,
पैसे के लिये फैली मारामारी
सब रिश्तों को मानव काट रहा है,
पैसा करता है सिर्फ भौतिक आवश्यकता पूरी
मन का सुकून इससे परे है,
हर चीज के लिये वक्त चाहिये निकालना
भागदौड़ भरी जिंदगी में सामजस्य जरूरी है,
स्टीव जॉब्स ने भी क्या खूब कहा
आज मैं पड़ा डेथ बैड पर कराह रहा,
बहुत पैसा मेरे पास तिजोरी में
लेकिन मेरा दर्द कोई नहीं बांट रहा,
नौकर चाकर खूब खरीदे पैसे से
बंगला, गाडी सब हैं मेरे कब्जे में,
ताउम्र भागा मैं पैसे कमाने की रेस में
जानवर बन गया था मानव के भेष में,
ना कभी परिवार के साथ समय बिताया
ना ही स्वयं के बारे में सोचा,
बस अमीर बनने का जुनून था
अब बिमारी ने मुझे धर दबोचा,
आज रोऊ मैं डेथ बैड पर
कोई हो अपना जो मेरा दर्द बाटें,
कोई सुनहरी याद नहीं पैसों की तिजोरी में
अब कैसे बेचारा इंसान आखिरी वक्त काटे ?
मैं मानूं पैसा जरूरत पूरी करता है
फिर भी सब कुछ पैसा नहीं होता,
पैसे से खरीदा जाता अगर सुकून तो
अमीर कभी अपने मां बाप नही खोता,
पैसे पोंछ सकता गर हमारे दुख के आंसू
तो अमीर आदमी कभी नहीं रोता,
पैसा बहला सकता यमराज को अगर तो
अमीर मौत की नींद कभी नहीं सोता,
मोहमाया का जंजाल बडा विशाल
कभी भी इसमें मत फसना,
डेथ बैड पर याद आएगें सिर्फ
चाहेंगे इन्हीं को बाहों में कसना,
जब हो जाये पर्याप्त कमाई
अपने आगे जीवन यापन करने को,
वक्त बिताओ अपनों के साथ
खुद के लिये भी थोड़ा समय निकालो,
जिंदगी की भागमभाग एक रेल है
अपनों का साथ नसीब का खेल है,
पैसे भी कमाओ सेहत भी बनाओ,
यही असली जिंदगी जीने का मेल है।
Dr.Meenu Poonia