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22 Jun 2024 · 1 min read

मोहब्बत

निगाहों से निगाहें मिलाने को जी चाहता है,
तेरी मोहब्बत में डूब जाने को जी चाहता है।
रहें कुछ पल तेरे दिल को आशियां बनाकर,
इश्क़ में हद से गुजर जाने को जी चाहता है।
✍️✍️✍️✍️✍️✍️
रचना- मौलिक एवं स्वरचित
निकेश कुमार ठाकुर
संप्रति- कटिहार (बिहार)
सं०-9534148597

Language: Hindi
2 Likes · 81 Views
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