- उसकी आंखों का सम्मोहन -
तूने कहा कि मैं मतलबी हो गया,,
" हर वर्ग की चुनावी चर्चा “
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
सम्मान समारोह एवं पुस्तक लोकार्पण
इससे बढ़कर पता नहीं कुछ भी ।
हो मेहनत सच्चे दिल से,अक्सर परिणाम बदल जाते हैं
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
वो कौन थी जो बारिश में भींग रही थी
तू मिला जो मुझे इक हंसी मिल गई
हमेशा सही काम करते रहने से,