तेरी आंखों में देखा तो पता चला…
मोहब्बत होती है क्या ?
तेरी आंखों में देखा तो पता चला,
नशे का नाम यह दूजा,
तेरी आंखों में डूबा तो पता चला।
मेरे ख्वाबों खयालों में तू अक्सर आती जाती है,
सुकूं सा दिल को मिलता है तू जब जब मुस्कुराती है,
सुना था सिर्फ जन्नत है,
तेरी आंखों में देखा तो पता चला।
तेरी यादों के सायों में सदां ही गुम सा रहता हूं,
गमज़दा होता हूं फिर भी मैं खुद को खुश दिखाता हूं,
वजह इसकी मोहब्बत है,
तेरी आंखों में देखा तो पता चला।
शौक-ए-मोहब्बत नहीं करनी थी हमें,
इसलिए उम्र भर तन्हा रहे,
तलाश-ए-मोहब्बत मुकम्मल अब हुई शायद,
तेरी आंखों में देखा तो पता चला।
गुलाबी पंखुरी जैसे लरजते होंठ यह तेरे,
मोहब्बत जैसे जज्बे को बयां कभी कर न पाएंगे,
मोहब्बत है मगर तुमको भी,
तेरी आंखों में देखा तो पता चला ।
– ✍️सुनील सुमन