मोहब्बत सबकी बेलगाम होती है।
हो किस्मत वाले यूँ कि छत है तुम्हारें सर पर।
वरना यहां फुटपाथ पर ही ज़िंदगियाँ तमाम सोती है।।1।।
यह रियासते है रियासतें तो आजकी होती है।
आज किसी के नाम तो कल किसी के नाम होती है।।2।।
उन्होनें कहा इतनी शिद्दत से ना चाहो हमको।
हमनें कहा मोहब्बत है मोहब्बत कहां तमाम होती है।।3।।
इश्क़ में घाटा मुनाफ़ा नहीं देखते है मेरे यारों।
हाँ इसमें लोगो की ज़िंन्दगियाँ बस बदनाम होती है।।4।।
यहाँ मयखाना-ए-मस्ती का सुरूर चलता है।
इस कोठी की पहचान ही है,रंगीन हर शाम होती है।।5।।
इश्क़ में छोटा-बड़ा,अमीर-ग़रीब ना होता है।
ये मोहब्बत है,मोहब्बत सबकी ही बेलगाम होती है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ