Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Oct 2024 · 1 min read

मोहब्बत मुख़्तसर भी हो तो

मोहब्बत मुख़्तसर भी हो तो
उसे भूलने में उम्र
लगती है
वह चेहरा भूल भी जाता है
मगर उस से जुड़ी दिल की
सभी यादें
अमरबेल की तरह
रूह के शजर से शाख़
दर शाख़
लिपटी ही रहती हैं
उन्हें ख़ुद से जुदा करने में
एक उम्र लगती है!

30 Views

You may also like these posts

एक देशभक्त की अभिलाषा
एक देशभक्त की अभिलाषा
Sarla Mehta
जीवन की बगिया में
जीवन की बगिया में
Seema gupta,Alwar
बचकानी बातें करने वाले बुज़ुर्गों की इमेज उन छोरों ज
बचकानी बातें करने वाले बुज़ुर्गों की इमेज उन छोरों ज
*प्रणय*
श्री नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि स्वरूप एक गीत
श्री नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि स्वरूप एक गीत
Ravi Prakash
महुआ फूल की गाथा
महुआ फूल की गाथा
GOVIND UIKEY
लिबास -ए – उम्मीद सुफ़ेद पहन रक्खा है
लिबास -ए – उम्मीद सुफ़ेद पहन रक्खा है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
टुकड़े हजार किए
टुकड़े हजार किए
Pratibha Pandey
सपनो का सफर संघर्ष लाता है तभी सफलता का आनंद देता है।
सपनो का सफर संघर्ष लाता है तभी सफलता का आनंद देता है।
पूर्वार्थ
नज्म- नजर मिला
नज्म- नजर मिला
Awadhesh Singh
छलने लगे हैं लोग
छलने लगे हैं लोग
आकाश महेशपुरी
बस यूंही
बस यूंही
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
लोकसभा बसंती चोला,
लोकसभा बसंती चोला,
SPK Sachin Lodhi
सीरत
सीरत
Nitin Kulkarni
तस्वीर तुम्हारी देखी तो
तस्वीर तुम्हारी देखी तो
VINOD CHAUHAN
स्त्री मन
स्त्री मन
Vibha Jain
इंतज़ार के दिन लम्बे हैं मगर
इंतज़ार के दिन लम्बे हैं मगर
Chitra Bisht
वो सारी खुशियां एक तरफ लेकिन तुम्हारे जाने का गम एक तरफ लेकि
वो सारी खुशियां एक तरफ लेकिन तुम्हारे जाने का गम एक तरफ लेकि
★ IPS KAMAL THAKUR ★
नासाज़ ऐ-दिल
नासाज़ ऐ-दिल
kumar Deepak "Mani"
बाबाओं की फौज
बाबाओं की फौज
Mukesh Kumar Rishi Verma
गरीबी तमाशा
गरीबी तमाशा
Dr fauzia Naseem shad
हमने तुमको दिल दिया...
हमने तुमको दिल दिया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुकद्दर
मुकद्दर
Phool gufran
सीना तान जिंदा है
सीना तान जिंदा है
Namita Gupta
उसे खो देने का डर रोज डराता था,
उसे खो देने का डर रोज डराता था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
2879.*पूर्णिका*
2879.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
इस ज़िंदगी ने तो सदा हमको सताया है
इस ज़िंदगी ने तो सदा हमको सताया है
Dr Archana Gupta
आसुओं की भी कुछ अहमियत होती तो मैं इन्हें टपकने क्यों देता ।
आसुओं की भी कुछ अहमियत होती तो मैं इन्हें टपकने क्यों देता ।
Lokesh Sharma
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
Anil Mishra Prahari
टिमटिमाता समूह
टिमटिमाता समूह
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Loading...