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7 Oct 2024 · 1 min read

मोहब्बत जब होगी

मोहब्बत जब होगी ,धड़कनें बढ़ जायेगी।
नींद नहीं आयेगी ,जब आंख लड़ जायेगी।

बेचैन करने वाले को देख कर चैन मिलेगा
चाहत का फूल ,फिर दिन रैन खिलेगा।

रातों की नींद ,जाने कहां टहलने जायेगी।
ख्वाहिशों की चादर , तुम संग बहलने आयेगी।

हर आहट पर , महबूब के आने का गुमां होगा।
मुड़ कर देखने से ,वो न जाने कब कहां होगा।

ये दुनिया होगी फिर ,इक हसीं तस्सुवर सी।
तस्वीर में रंग भरते हुए ,इक मुस्सिवर सी ।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
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