Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2024 · 1 min read

मोहब्बत की राहों में चलिए जरा संभल कर… (ग़ज़ल)

मोहब्बत की राहों में चलिए जरा संभल कर
सब देखती हैं दुनिया मिलिए जरा संभल कर

दरख दीवारो के भी कान होते है इस जहाँ में
इज़हार ए मोहब्बत करिए जरा संभल कर

शोहरत ए मंजिल पर आपकी जलते है लोग
अपनी तरक्की सुनाइये जरा संभल कर

आपके पेट पर लात मारेंगे वक़्त बदलते ही
दूसरों को रास्ता दिखाईये जरा संभल कर

सब आपका हित ही सोचे ये जरूरी नही जनाब
सगे को भी राज की बात बताइये जरा संभल कर

© पियूष राज ‘पारस’
Dt – 30/11/2024

19 Views

You may also like these posts

*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
प्रियजन
प्रियजन
Dr MusafiR BaithA
अंत हो रहा है रिश्तों का,
अंत हो रहा है रिश्तों का,
पूर्वार्थ
जीवन में प्यास की
जीवन में प्यास की
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी! क्या कहूँ तुझे
जिंदगी! क्या कहूँ तुझे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"आम्रपाली"
Dr. Kishan tandon kranti
पिता
पिता
Mamta Rani
श्री राम आ गए...!
श्री राम आ गए...!
भवेश
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
Gouri tiwari
भीरू नही,वीर हूं।
भीरू नही,वीर हूं।
Sunny kumar kabira
ग़ज़ल __ कुछ लोग झूठ बोल के , मशहूर हो गए।
ग़ज़ल __ कुछ लोग झूठ बोल के , मशहूर हो गए।
Neelofar Khan
बिखर गए जो प्रेम के मोती,
बिखर गए जो प्रेम के मोती,
rubichetanshukla 781
अनेकता में एकता
अनेकता में एकता
Sunil Maheshwari
तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है
तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है
VINOD CHAUHAN
गोपियों का विरह– प्रेम गीत
गोपियों का विरह– प्रेम गीत
Abhishek Soni
स्वतंत्रता दिवस पर विशेष
स्वतंत्रता दिवस पर विशेष
पूनम दीक्षित
प्यार और नौकरी दिनो एक जैसी होती हैं,
प्यार और नौकरी दिनो एक जैसी होती हैं,
Kajal Singh
|| सेक्युलर ||
|| सेक्युलर ||
जय लगन कुमार हैप्पी
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हां मैं हस्ता हू पर खुश नहीं
हां मैं हस्ता हू पर खुश नहीं
The_dk_poetry
पार्वती
पार्वती
लक्ष्मी सिंह
झूठे को कुर्सी मिले,
झूठे को कुर्सी मिले,
sushil sarna
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
इंसान
इंसान
Sanjay ' शून्य'
पिता की दौलत न हो तो हर गरीब वर्ग के
पिता की दौलत न हो तो हर गरीब वर्ग के
Ranjeet kumar patre
भूल गए हैं
भूल गए हैं
आशा शैली
उम्र बढ़ने के साथ हौसले और शौक में यदि वृद्धि यदि न हो तो फि
उम्र बढ़ने के साथ हौसले और शौक में यदि वृद्धि यदि न हो तो फि
Rj Anand Prajapati
तुझसे दिल लगाने के बाद
तुझसे दिल लगाने के बाद
डॉ. एकान्त नेगी
# लोकतंत्र .....
# लोकतंत्र .....
Chinta netam " मन "
Stages Of Love
Stages Of Love
Vedha Singh
Loading...