मोहब्बत की पहचान
मोहब्बत ना किसी से कहकर होती है
जज्बातों के समन्दर में ये बैहकर होती है
तबाह हो जाती हैं कितनी शख्सियतें इसमें
ये तो मुश्किलें तमाम सहकर होती है
जो बेवफा थे वो तो चले गए जनाब
सच्चे रिश्तों की पहचान दूर रहकर होती है
मोहब्बत ना किसी से कहकर होती है
जज्बातों के समन्दर में ये बैहकर होती है
तबाह हो जाती हैं कितनी शख्सियतें इसमें
ये तो मुश्किलें तमाम सहकर होती है
जो बेवफा थे वो तो चले गए जनाब
सच्चे रिश्तों की पहचान दूर रहकर होती है