मोहब्बत का पेड़
अन्ततः
यह दुनिया का घर तो
छोड़ना ही पड़ेगा
मोह के बंधन को काटकर
एक अलौकिक दुनिया से
रिश्ता जोड़ना ही पड़ेगा
यह जीवन तो चलता रहेगा
इस समय भी और
मरने के बाद
उस समय भी
न अब कुछ समझ आता है
न ही बाद में आयेगा
लेकिन दिल में जो
प्रेम का एक बीज
बोया है वह
अपना रूप रंग बदलकर
मोहब्बत का एक विशाल पेड़
बनकर
इस जन्म या
उस जन्म
इस दुनिया या
उस दुनिया में
फल फूल
धन धान्य
सुख संपदा
ऐश्वर्य
खुशियों का खजाना
राहगीर को छाया
परिंदों को आशियाना तो
हमेशा की तरह ही
प्रदान करता रहेगा।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001