“मोहब्बत का गुलाम”
ज़ख्म दिया है उसने मुझे फिर भी,
???मैं उसका मोहताज हूं।
दिल के टुकड़े लाखों हुऐ और,
????हर टुकड़े पर लिखा था मैं आज भी उसकी मोहब्बत का गुलाम हूं।
ज़ख्म दिया है उसने मुझे फिर भी,
???मैं उसका मोहताज हूं।
दिल के टुकड़े लाखों हुऐ और,
????हर टुकड़े पर लिखा था मैं आज भी उसकी मोहब्बत का गुलाम हूं।