मोहब्बत का अंजाम कभी खुशी कभी गम।
गुमशुम गुमशुम सी रहती हो।
जैसे लगता किसी की याद में खोई हो।
आंखे तेरी बता रही तो आज रात बहुत रोई हो।
दो दिलों के जुड़ने का हमेशा अंजाम यही होता है।
दो प्रेमी का जोड़ा पल में हसता और रोता है।
कभी दुनिया घर के तानों से एक दूजे से बिछड़ता है।
कभी तन्हाई के मौसम में आकर कही पर मिलता है।
ये बिस्तर ये रात तुम्हारी नींद न मुझको आती है।
देख कर बस तेरी तस्वीरे आंखे ये लोर बहाती है।
मिले थे जो कभी आप हमसे ये यादें बस रह जाती है।
कोई साथ में जीता मरता है तो कोई मजबूरी में घर बसाती है।
गैर की बांहों में फिर वो कैसे सुकून पाती है।
किसी का इश्क पूरा तो किसी की अधूरी रह जाती है।
आज भी वो मुझको जब देखे हंसती और मुस्कुराती है।
एकाएक न जाने फिर रोने लग जाती है।
मोहब्बत जब हो न पूरी तो ऐसे ही रुलाती है।
हर क्षण पल पल वो तड़पाती है।
RJ Anand Prajapati