मोहब्बते
मुक्तक — मोहब्बतें
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तेरा हँसना व मुस्काना, मुझे मदहोश करता है।
नही तुझसे बिछड़ जाऊँ,दीवाना दिल ये डरता है।
बडी मासूम भोली हो,हो रोशन चान्दनी जैसा।
दीवाना है सनम तेरा,तुम्हीं से प्यार करता है।
तेरा ही नाम को हरपल,सनम मैं याद करता हूँ।
तेरे कारण स्वयं से मैं ,सदा सवांद करता हूँ।
बिछड़ जाने से डरता हूँ,तेरे बिन जी नही सकता।
तभी रब से तेरे ही बाद,मैं फरियाद करता हूँ।
तेरी यादें तेरी बातें, मुझे हरपल सताती हैं।
तुझे जब देख लेता हूँ,निगाहें चैन पाती हैं।
मगर तुमने नहीं समझा,मेरे मन भाव को शायद।
तेरा गैरों के संग चलना,मेरे दिल को जलाती हैं।
तू चंदा तो मैं सूरज बन,समां रौशन बनाएंगे।
किसी दिन ईद दीवाली,कभी होली बनाएंगे।
निगाहों के इशारे से ,करेंगे बात हम दोनों।
गले मे डालकर बाँहे, खुशी के गीत गाएंगे।
तेरी चंचल निगाहों में,अदा में नूर आया है।
तुझे मिलने को दीवाना,सनम बड़ी दूर आया है।
जला लेना चरागों को,समां रौशन बना रखना।
तुझे मिलने तेरे घर में, ये कोहिनूर आया है।★★★★★★★★★★★★★★★★
डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर” ✍️✍️✍️