मोहन
कभी राधा कभी मीरा कभी जोगन बन के ।
प्रीत अनोखी जोड़ गया प्रियतम मोहन बन के ।
नीलम दरिया मचल रहा दिल दरिया हो जाने को,
अब्र इश्क का भिगो गया सावन बन के।
नीलम शर्मा ✍️
कभी राधा कभी मीरा कभी जोगन बन के ।
प्रीत अनोखी जोड़ गया प्रियतम मोहन बन के ।
नीलम दरिया मचल रहा दिल दरिया हो जाने को,
अब्र इश्क का भिगो गया सावन बन के।
नीलम शर्मा ✍️