मोहन ने मीरा की रंग दी चुनरिया
मोहन ने मीरा की रंग दी चुनरिया
रंग से सराबोर मन की नगरिया
न लागे से छूटें न हों रंग फीके
मुझे प्रेम के रंग रंग दे संवरिया।।
मोहन ने मीरा की रंग दी चुनरिया
रंग से सराबोर मन की नगरिया
न लागे से छूटें न हों रंग फीके
मुझे प्रेम के रंग रंग दे संवरिया।।