मोहता है सबका मन
पुष्पों का अधिपति
माना जाता गुलाब
रूप,गंध और स्वरूप
में इसका नहीं जवाब
बारहों मास खिलता
मोहता है सबका मन
पूजा,आराधन,स्वागत
में उपयोग करें सब जन
औषधीय गुणों से युक्त
है सो आता सबके काम
इससे बने इत्र औ गुलकंद
का पूरे जग में खूब नाम
घिरा रहे कांटों से सदैव
पर लब पे सदा मुस्कान
उसकी ताजगी, प्रखरता
का पूरा जगत है कद्रदान