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14 Jul 2021 · 1 min read

मोरा लागल बा मनवा परधानी में

परधानी में परधानी में परधानी में
मोरा लागल बा मनवा परधानी में
जीति जे जयति विकास करवतीं।
भ्रष्टाचार के हम विनाश करवतीं।
नाम चलत विकास के कहानी में।
मोरा लागल बा मनवा परधानी में
वैसे त खूब हम अंतरधन लुटवलीं
मुर्गा खिया के भी जीत न पवलीं।
पैसा डूबल दारू और बिरयानी में
मोरा लागल बा मनवा परधानी में
मनरेगा में सबके डियूटी लगवतीं।
दुइ के दस मस्टर रोल भरवतीं।
पैसा खूबे कमयतीं जवानी में
मोरा लागल बा मनवा परधानी में
पढ़े लिखे लोगन के मूर्ख बनवतीं।
इशारे पे अपने हम सबके नचवतीं।
ज्ञान कहाँ रह गईल बा अब ज्ञानी में
मोरा लागल बा मनवा परधानी में
-सिद्धार्थ पाण्डेय

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
547 Views
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