मोबाइल
मम्मी-पापा खुद करते हो, मोबाइल से प्यार
पर हमको छूने भर से भी, मिलती है फटकार
सुबह -सुबह उठते ही पहले,रखते इसका ध्यान
इसे साथ में लेकर जाते, जब करना हो स्नान
ब्रेकफास्ट या लंच डिनर,हर पल का यह यार
मम्मी-पापा खुद करते हो, मोबाइल से प्यार
इतना ज्यादा रहें आप तो , मोबाइल में व्यस्त
हो जाते हैं प्लान आपके ,बैठे-बैठे ध्वस्त
जाते कभी न लेकर बाहर, हो चाहे इतवार
मम्मी-पापा खुद करते हो मोबाइल से प्यार
इस युग में है बहुत जरूरी, मोबाइल का ज्ञान
लेकिन ठीक नहीं इसकी लत, इसका हमको भान
इसीलिए विनती करते हैं, दो हमको अधिकार
मम्मी-पापा खुद करते हो, मोबाइल से प्यार
डॉ अर्चना गुप्ता
08.08.2024