मोबाइल में खोया बचपन
भूल गया है मुस्कुराना अब वो
कहीं मोबाइल में खो गया है
खेलना अब पसंद नहीं उसको
अब ये बचपन कहीं खो गया है।।
खिलौनों से खेलना अच्छा नहीं लगता
दूसरे बच्चों से भी दूर रहते है अब वो
जब भी देखो मोबाइल गेम्स खलते है
खेल मैदान से अनजान रहते है अब वो।।
पढ़ाई में मन लगता नहीं बिल्कुल भी
हरपल मां बाप का मोबाइल ढूंढते रहते है
खाने पीने जागने सोने की कोई फिक्र नहीं
जब भी देखो मोबाइल गेम खेलते रहते है।।
हो मोबाइल पास तो उसे कुछ भी दिखता नहीं
क्या खिला रहे हो उसे, ये भी पता चलता नहीं
यकीनन आदत बन गई है अब ये उसकी
परीक्षा के समय भी अब तो वो पढ़ता नहीं।।
सपने भी कार्टून के दिखते है उसे
डोरेमोन शीनचेन सब दिखते है उसे
कभी तो आयेगी उसे भी समझ
जब जरूरत पढ़ाई की महसूस होगी उसे।।
मां की गोद में बैठना भी कम हो गया
इस मोबाइल देखने के चक्कर में
कहां खो गया है अब ये मासूम बचपन
इस मोबाइल देखने के चक्कर में।।