Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2017 · 1 min read

मोदी जी की बाजी

मोदी जी की बाजी अंधों को बर नहीं आती।
अंधे बरक्कत चाहते पर ये लत नहीं जाती।।
नोटों से भरे हाॅल बाजी रास कैसे आये अब।
नोटो पे बैन दिल ए खामोश आँखें न जाती।।

कोरेधन की अहमियत गई सूखे तालाबों जैसे।
रह गए सारे भद्दा बन कोई आशा न आती।।
काले अमीरों पे मोदी की चाल चमकती ।
जानें दिल ए दिल में मोदी बात ही रहती।।

कह दिया उसने सब खुले हाल फिर क्यों।
मोदी के फैसले से रास ए-दिल न उतरती।।
इल्जाम आये दिन मोदी पे अंधो की आदत से।
सांसदों की संसद गुफ्तगू करती बर नहीं आती।।

जब कांग्रेसी सत्ता थी तब किया ही क्या।
वो दिलो-दिमाग में तुम्हें याद नहीं आती।।
भारत जन तो मुंतजर हैं मोदी के कदम से।
मोदी ये तेरी करनी इन्हें बर नहीं आती।।

संसद सारी गीता, पुराण का झमेला ताने।
टेडी पुछ के है जिनकी चाल पे चाल आती।।
चंद दिनों की दिक्कत है सब हिलमिल जाओ।
रणकह मोदी साथ दों कांग्रेसी तो बरनहीं आती।।

मोदी जी की बाजी अंधों को बर नहीं आती।
अंधे बरक्कत चाहते पर ये लत नहीं जाती।।

रणजीत सिंह “रणदेव”चारण
मुण्डकोशियां, राजसमन्द
7300174927

Language: Hindi
1 Like · 563 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मौसम....
मौसम....
sushil yadav
इंसानियत के लिए
इंसानियत के लिए
Dr. Rajeev Jain
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
Ajit Kumar "Karn"
बल से दुश्मन को मिटाने
बल से दुश्मन को मिटाने
Anil Mishra Prahari
नन्ही भिखारन!
नन्ही भिखारन!
कविता झा ‘गीत’
میں ہوں تخلیق اپنے ہی رب کی ۔۔۔۔۔۔۔۔۔
میں ہوں تخلیق اپنے ہی رب کی ۔۔۔۔۔۔۔۔۔
Dr fauzia Naseem shad
मां का घर
मां का घर
नूरफातिमा खातून नूरी
एहसासे- नमी (कविता)
एहसासे- नमी (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
शेखर सिंह
आज आचार्य विद्यासागर जी कर गए महाप्रयाण।
आज आचार्य विद्यासागर जी कर गए महाप्रयाण।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दान
दान
Shashi Mahajan
दीपक सरल के मुक्तक
दीपक सरल के मुक्तक
कवि दीपक बवेजा
दोहा निवेदन
दोहा निवेदन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
कोई  फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
कोई फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
Neelofar Khan
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
पके फलों के रूपों को देखें
पके फलों के रूपों को देखें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
खो दोगे
खो दोगे
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
*साला-साली मानिए ,सारे गुण की खान (हास्य कुंडलिया)*
*साला-साली मानिए ,सारे गुण की खान (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आंखें मूंदे हैं
आंखें मूंदे हैं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
तमाम उम्र काट दी है।
तमाम उम्र काट दी है।
Taj Mohammad
" चुनौतियाँ "
Dr. Kishan tandon kranti
..
..
*प्रणय*
मजहब का नही पता, सनातन का पता बन जायेगा,
मजहब का नही पता, सनातन का पता बन जायेगा,
P S Dhami
सपनों में खो जाते अक्सर
सपनों में खो जाते अक्सर
Dr Archana Gupta
यूं आंखों से ओझल हो चली हो,
यूं आंखों से ओझल हो चली हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
देवों की भूमि उत्तराखण्ड
देवों की भूमि उत्तराखण्ड
Ritu Asooja
बाबा भीम आये हैं
बाबा भीम आये हैं
gurudeenverma198
3050.*पूर्णिका*
3050.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्व
आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्व
Rj Anand Prajapati
Loading...