Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2024 · 1 min read

मोक्ष

मोक्ष
आसक्ति एवं विरक्ति से
परे होकर ही मोक्ष की
प्राप्ति होती है।

लक्ष्मी वर्मा ‘प्रतीक्षा’

2 Likes · 73 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
गंगा- सेवा के दस दिन💐💐(दसवां अंतिम दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन💐💐(दसवां अंतिम दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
पके फलों के रूपों को देखें
पके फलों के रूपों को देखें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"होली है आई रे"
Rahul Singh
जहां से चले थे वहीं आ गए !
जहां से चले थे वहीं आ गए !
Kuldeep mishra (KD)
"निष्ठा"
Dr. Kishan tandon kranti
सब व्यस्त हैं जानवर और जातिवाद बचाने में
सब व्यस्त हैं जानवर और जातिवाद बचाने में
अर्चना मुकेश मेहता
शांत सा जीवन
शांत सा जीवन
Dr fauzia Naseem shad
चेहरे पे मचलता है ,दिल में क्या क्या ये जलता है ,
चेहरे पे मचलता है ,दिल में क्या क्या ये जलता है ,
Neelofar Khan
जिंदगी जी कुछ अपनों में...
जिंदगी जी कुछ अपनों में...
Umender kumar
संवेदना मर रही
संवेदना मर रही
Ritu Asooja
मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों का भारत
Neelam Sharma
*बचपन यादों में बसा, लेकर मधुर उमंग (कुंडलिया)*
*बचपन यादों में बसा, लेकर मधुर उमंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#जयंती_पर्व
#जयंती_पर्व
*प्रणय*
सजी सारी अवध नगरी , सभी के मन लुभाए हैं
सजी सारी अवध नगरी , सभी के मन लुभाए हैं
Rita Singh
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
दिल से
दिल से
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शायरी
शायरी
गुमनाम 'बाबा'
रहो तुम स्वस्थ्य जीवन भर, सफलता चूमले तुझको,
रहो तुम स्वस्थ्य जीवन भर, सफलता चूमले तुझको,
DrLakshman Jha Parimal
चाँद को चोर देखता है
चाँद को चोर देखता है
Rituraj shivem verma
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
धर्म के नाम पे लोग यहां
धर्म के नाम पे लोग यहां
Mahesh Tiwari 'Ayan'
राजनीति में शुचिता के, अटल एक पैगाम थे।
राजनीति में शुचिता के, अटल एक पैगाम थे।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
फर्क़ क्या पढ़ेगा अगर हम ही नहीं होगे तुमारी महफिल
फर्क़ क्या पढ़ेगा अगर हम ही नहीं होगे तुमारी महफिल
shabina. Naaz
पुष्प
पुष्प
Dinesh Kumar Gangwar
शराब
शराब
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
कवि दीपक बवेजा
GOOD EVENING....…
GOOD EVENING....…
Neeraj Agarwal
3340.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3340.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
Loading...