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27 Jun 2024 · 1 min read

*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य

मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्यामी छंद)
________________________
मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं
उपवन में पुष्प अकेला यह, फिर दूजा कोई खिला नहीं
जिसको भी गोद मिली मॉं की, केवल वह किस्मतवाला है
हो भले ॲंधेरा जग-भर में, मॉं का पर्याय उजाला है
———————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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