मै हारा नही हूं
माना कि सूरज की तरह तेज उजियारा नहीं हूँ…
अंधेरों से मगर मै कभी हारा नही हूँ…
झरना ही सही छोटा सा मगर…
मैं समुंदर की तरह खारा नहीं हूँ.
कश्तियाँ डूब जाये मगर…….
अपनी जूनून से हारा नही हूं ।
जज्बे अगर अडिग हो जाये तो,
कोई मंजिल को संवारा नही हूं ।